डॉ. रेशमी पाण्डा मुखर्जी
शिक्षा-दीक्षा : एम.ए., पी.एच.डी, नागपुर विश्वविद्यालय
वर्ष 1998 में नेट की परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप के साथ उत्तीर्ण।
2003 में पीएच.डी. की उपाधि मिली। पीएच.डी. का विषय : 'स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी व्यंग्य साहित्य में हरिशंकर परसाई के योगदान का अनुशीलन'। हिन्दी विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय। 2000 में अनुवाद प्रशिक्षण में पी जी कोर्स प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण।
आजीविका :
o गोखले मेमोरियल गर्ल्स कालेज, कोलकाता में हिन्दी की प्रवक्ता के रूप में 2006 से अध्यापन कार्य। वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत।
o कलकत्ता विश्वविद्यालय के अंतर्गत शोध निर्देशक (रिसर्च गाइड) के रूप में 2022 से नियुक्त।
o साथ ही कोलकाता स्थित प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में 2017 से अतिथि प्राध्यापक के रूप में अध्यापन।
साहित्यिक प्रकाशन -
• 'साक्षात्कार : जीवन से' कहानी संग्रह (2008)
आलोचनात्मक ग्रंथ-
o 'व्यंग्य सम्राट परसाई (2008)
o 'हरीलाल मिलन के साहित्य का मूल्यांकन (2020)
o 'गद्यशिल्पी निर्मल वालिया' (2021)
o भावों का सतरंगी आकाश प्रो. वी जी गोस्वामी का काव्य-सृजन (2021)
o 'नवगीत के सुप्रतिष्ठित हस्ताक्षर : मधुकर अष्ठाना (2022)
o मानवीय बोध की कलम : डॉ. दयाराम मौर्य 'रत्न' के साहित्य का मूल्यांकन (2022)
o वीरेन्द्र आस्तिक : गीतधर्मिता और जीवन राग, भारतीय साहित्य संग्रह, कानपुर (2023)
अनूदित पुस्तकें- बांग्ला से हिन्दी
1. निशीथ सूर्य (2019 )
2. आरोग्य प्रकाश (2021)
• केरल विश्वविद्यालय के अंतर्गत बी कॉम के पाठ्यक्रम में हिन्दी पाठ्य पुस्तक में 'लक्षद्वीप' पर आधारित एक यात्रा वृत्तांत संकलित।
• करीबन तीस पुस्तकों की समीक्षाएँ प्रकाशित।
• संपादन कार्य – 'स्त्री लेखन : स्त्री दृष्टि' नामक पुस्तक का संपादन।
• साहित्यिकी संस्था द्वारा प्रकाशित छमाही पत्रिका 'साहित्यिकी' का संपादन - 2017 से 2018 तक।
• जुलाई 2019 को नई दिल्ली में आयोजित 'निर्मल वालिया अभिनंदन ग्रंथ के विमोचन कार्यक्रम में संचालन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
• देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेख, कहानियाँ, समीक्षाएँ, साक्षात्कार, आलोचना, शोध आलेख व अनुवाद कार्य का प्रकाशन।
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